जस्टिस बीआर गवई होंगे अगले चीफ जस्टिस

नई दिल्ली:  विशेष संवाददाता जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) होंगे। देश के मौजूदा प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने औपचारिक नियुक्ति प्रक्रिया के तहत केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय को भेजे प्रस्ताव जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को अपना उत्तराधिकारी यानी देश का अगले सीजेआई बनाने की आधिकारिक सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई खन्ना के बाद जस्टिस गवई सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।

दलित समुदाय से आने वाले जस्टिस गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। वे मौजूदा सीजेआई खन्ना का स्थान लेंगे, जो 13 मई को सेवानिवृत होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद की शपथ दिलाएंगी। मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले सीजेआई के रूप में जस्टिस गवई का कार्यकाल लगभग छह माह का होगा, जो 23 नवंबर 2025 में उनकी सेवानिवृत्ति के साथ समाप्त होगा। जस्टिस गवई दलित समुदाय से आने वाले देश के दूसरे सीजेआई होंगे। दलित समुदाय से आने वाले पहले सीजेआई जस्टिस केजी बालकृष्णन रहे हैं।

जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को अमरावती में हुआ था। वे 16 मार्च, 1985 को अधिवक्ता के रूप में बार में शामिल हुए और 1987 तक उन्होंने पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्वर्गीय बार राजा एस भोंसले के साथ काम किया। उन्होंने 1987 से 1990 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र रूप से वकालत की और इसके बाद मुख्य रूप से बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष वकालत किया। जस्टिस गवई ने संवैधानिक कानून और प्रशासनिक कानून में वकालत किया। वे नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के स्थायी अधिवक्ता भी रहे। इसके अलावा वे अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में भी काम किया। उन्हें 14 नवंबर, 2003 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। जस्टिस गवई को 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश रूप में पदोन्नत किया गया था। जस्टिस गवई दिवंगत आर.एस. गवई के बेटे हैं, जो बिहार और केरल के राज्यपाल रह चुके हैं।

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