क्या सच में गेहूं बढ़ाता है ब्लड शुगर? जानें क्या कहती हैं न्यूट्रिशनिस्ट

नई दिल्ली : आपके मन भी कभी न कभी तो यह सवाल जरूर उठा होगा कि क्या गेहूं वाकई ब्लड शुगर बढ़ाता है? बता दें, यह एक ऐसा सवाल है जिसका सीधा जवाब ‘हां’ या ‘नहीं’ में देना मुश्किल है।
न्यूट्रिशनिस्ट रिता जैन एक इंस्टाग्राम रील के जरिए बताती हैं कि कि गेहूं में कार्बोहाइड्रेट होते हैं और कार्बोहाइड्रेट शरीर में टूटकर ग्लूकोज में बदलते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर तरह का गेहूं आपके ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाएगा।
गेहूं का रूप है सबसे जरूरीअसली खेल गेहूं के ‘रूप’ का है। न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम किस तरह का गेहूं खा रहे हैं:
साबुत गेहूं (Whole Wheat)जब हम साबुत गेहूं की बात करते हैं, तो इसमें चोकर, जर्म और एंडोस्पर्म तीनों हिस्से मौजूद होते हैं। यह फाइबर, प्रोटीन और कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। फाइबर होने के कारण, यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर में अचानक बढ़ोतरी नहीं होती। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी कम होता है, जो इसे ब्लड शुगर के लिए एक बेहतर ऑप्शन बनाता है।
रिफाइंड आटा (Refined Flour/Maida)
वहीं, जब गेहूं को रिफाइन करके मैदा बनाया जाता है, तो उसमें से चोकर और जर्म हटा दिए जाते हैं। इससे फाइबर और कई पोषक तत्व कम हो जाते हैं। रिफाइंड आटा जल्दी पचता है और इससे ब्लड शुगर में तेजी से उछाल आ सकता है। इसलिए, मैदे से बनी चीजें जैसे ब्रेड, बिस्किट, नूडल्स आदि ब्लड शुगर के स्तर पर ज्यादा असर डाल सकती हैं।
न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह
न्यूट्रिशनिस्ट का मानना है कि गेहूं को पूरी तरह से छोड़ना जरूरी नहीं है। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप सही प्रकार का गेहूं चुनें और उसे संतुलित मात्रा में खाएं।
- साबुत गेहूं को प्राथमिकता दें: अपनी डाइट में साबुत गेहूं से बनी रोटी, दलिया या ब्राउन ब्रेड को शामिल करें।
- फाइबर रिच डाइट: गेहूं के साथ-साथ अपनी डाइट में हरी सब्जियां, दालें और फल जरूर शामिल करें। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं।
- प्रोटीन का इनटेक: प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे दाल, पनीर, दही या अंडे भी कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर सकते हैं, जिससे ब्लड शुगर पर उनका असर कम होता है।







