शासन के नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत के अभियान के तहत 22 माओवादियों को आत्मसमर्पण कराने में मिली बड़ी सफलता

सुकमा : सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नक्सल सदस्य मुक्त पंचायत’’ सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके षोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय 09 महिला सहित 21 नक्सलियों के द्वारा नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से आज शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में आनंद सिह राजपुरोहित, पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) रेंज सुकमा, किरण चव्हाण, पुलिस अधीक्षक जिला सुकमा, धन सिंह बिष्ट, कमाण्डेन्ट 226 वहिनी सीआरपीएफ, बिरेन्द्र कुमार खंतवाल, द्वितीय कमान अधिकारी, 226 वहिनी सीआरपीएफ, आनामी षरण, द्वितीय कमान अधिकारी 02 वहिनी सीआरपीएफ, उमेश प्रसाद गुप्ता, अति. पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स जिला सुकमा, टी. भगद सिह, उप कमाण्डेन्ट 219 वहिनी सीआरपीएफ, महेन्द्र सिंह भाटी, उप कमाण्डेन्ट 203 कोबरा वहिनी, मनीष रात्रे, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल अभियान सुकमा नीरज पनवार, सहायक कमाण्डेन्ट 241 वाहिनी सीआरपीएफ एवं कमलेष कुमार साहू, सहायक कमाण्डेन्ट 227 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन के नये पुनर्वास नीति ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025 ’’ के तहत् प्रत्येक को 50-50 हजार रूपये के मान से प्रोत्साहन राशि व कपड़े प्रदान किया गया एवं अन्य सुविधायें प्रदान करायें जायेंगे।







