Heat Stroke: भीषण गर्मी में इन बातों का रखें ध्यान, वरना बढ़ जाएगा लू लगने का खतरा
गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग कान व सिर को गमछे था तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें।

HIGHLIGHTS
- पेय पदार्थों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें।
- बाहर जाते समय अपने साथ पानी जरूर रखें।
- मौसमी फलों का सेवन करना बेहतर होता है।
हेल्थ डेस्क, इंदौर। Heat Stroke: अत्यधिक गर्मी के कारण लू यानी तापाघात का खतरा बढ़ता है। समय रहते बेहतर उपचार न कराने पर तापाघात जानलेवा भी हो सकता है। डॉ. संजय मिश्रा के मुताबिक, लिहाजा लू से बचाव के साथ ही यह ध्यान रखना जरूरी है कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना। गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें। भोजन करके एवं पानी पीकर ही बाहर निकलें। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग कान व सिर को गमछे था तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्मे व छतरी का प्रयोग करें। पानी अधिक मात्रा में पीएं एवं पेय पदार्थों का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें।
तेज धूप में न निकलें घर से बाहर
बाहर जाते समय अपने साथ पानी जरूर रखें। बच्चों का विशेष ध्यान रखें। बच्चों को सिखाएं कि जब भी उन्हें अधिक गर्मी महसूस हो, तो वे तुरंत घर के अंदर आ जाएं। गर्मी के दिनों में बुजुर्गों का भी विशेष ध्यान रखें। उन्हें धूप में घर से बाहर न निकलने दें व उन्हें समय-समय पर पानी पीने के लिए प्रेरित करें एवं सुपाच्य भोजन तथा तरल पदार्थों का सेवन कराएं। मौसमी फलों का सेवन करना बेहतर होता है। तीव्र धूप घर के अंदर आने से रोकना चाहिए। इसी तरह बिना भोजन किए बाहर न निकलें। ज्यादा समय तक धूप में खड़े होकर व्यायाम, मेहनत, अन्य कार्य न करें।
नजर आ सकते हैं ये लक्षण
बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों में न जाएं, रेल, बस आदि की यात्रा गर्मी के मौसम में अति आवश्यक होने पर ही करें। बच्चों एवं बुजुर्गों को दिन के सबसे गर्म समय जैसे दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक घर से बाहर की गतिविधियों में शामिल न होने दें। धूप में बच्चों और पालतू जानवरों को गाड़ी में अकेला न छोड़ें। धूप में नंगे पांव न चलें। चाय-कॉफी, अत्यधिक मीठे पदार्थ व गैस वाले पेय पदार्थों का सेवन न करें। यह भी जान लेना आवश्यक है कि लू लगने पर त्वचा गर्म, लाल व सूखी हो जाती है। शरीर का तापमान से 40 डिग्री सेल्सियस या 104 फेरे नाइट, मतली या उल्टी, बहुत तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना, घबराहट होना, चक्कर आना, बेहोशी और हल्का सिरदर्द समेत कुछ अन्य लक्षण प्रकट होते हैं।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।







