समय-सीमा बैठक में कलेक्टर रणवीर शर्मा ने विभागीय योजनाओं और सुशासन सप्ताह की तैयारियों की गहन समीक्षा की

बेमेतरा :  कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रणवीर शर्मा ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष (दिशा भवन) में अधिकारियों की समय-सीमा की समीक्षा बैठक लेकर जिले में संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं, जनकल्याणकारी कार्यक्रमों एवं लोक शिकायतों के निराकरण की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री शर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि लोक शिकायतों के निराकरण में संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण का परिचय दें। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। संबंधित हितग्राही की समस्या को गंभीरता से सुनते हुए समय-सीमा के भीतर समाधान सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि संवेदनशीलता और मानवीय संवेदना के साथ किया गया कार्य लंबे समय तक याद रखा जाता है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि कोई भी ऐसा कार्य न किया जाए, जिससे सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़े। लोक सेवक होने के नाते सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे जनहित के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

1 जनवरी 2026 से ई-ऑफिस प्रणाली अनिवार्य
बैठक में कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 1 जनवरी 2026 से शासकीय कार्यालयों का संपूर्ण कार्य संचालन ई-ऑफिस क्रियान्वयन प्रणाली के माध्यम से किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऑफलाइन माध्यम से फाइलों के संचालन से बचें और डिजिटल प्रणाली को पूर्ण रूप से अपनाएं।कलेक्टर ने बताया कि ई-ऑफिस पद्धति एक आधुनिक, पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली है, जिसके माध्यम से कार्यालयीन कार्य अधिक कुशलता से संपन्न किए जा सकते हैं। ई-ऑफिस के माध्यम से सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में सुरक्षित रखे जाते हैं, जिससे उनकी खोज और साझा करना आसान होता है। फाइलों का ऑनलाइन प्रेषण होने से समय की बचत होती है और कागज के उपयोग में कमी आती है।उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से कार्यों की स्थिति को ट्रैक किया जा सकता है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है। साथ ही मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के कारण डाटा सुरक्षित रहता है। यह प्रणाली कहीं से भी और कभी भी कार्यालयीन कार्य संपन्न करने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि होती है और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है।

आधार सक्षम बायोमेट्रिक प्रणाली से दर्ज होगी उपस्थिति
कलेक्टर श्री शर्मा ने शासन के निर्देशानुसार 1 जनवरी 2026 से सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों की उपस्थिति आधार सक्षम बायोमेट्रिक प्रणाली से दर्ज कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि आधार आधारित अटेंडेंस प्रणाली एक आधुनिक, सुरक्षित और विश्वसनीय व्यवस्था है, जिसमें आधार कार्ड में संग्रहित बायोमेट्रिक डाटा (फिंगरप्रिंट अथवा आईरिस स्कैन) के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाती है। इस प्रणाली से कर्मचारियों की पहचान सुनिश्चित होती है और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना समाप्त होती है। साथ ही उपस्थिति की नियमित निगरानी संभव होती है, जिससे प्रशासनिक अनुशासन को मजबूती मिलती है।

सुशासन सप्ताह के सफल आयोजन के लिए आवश्यक निर्देश
बैठक में कलेक्टर रणवीर शर्मा ने सुशासन सप्ताह के सफल आयोजन को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर से 25 दिसंबर 2025 तक सुशासन सप्ताह का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान करना और शासन की सेवाओं को अधिक पारदर्शी, प्रभावी एवं जनोन्मुखी बनाना है।

सुशासन सप्ताह 2025 के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार होंगी जिसमे प्रशासन गांव की ओर अभियान के अंतर्गत 19 से 25 दिसंबर तक विशेष शिविरों का आयोजन | लोक शिकायत निवारण हेतु विशेष प्रयास | सुशासन से जुड़े नवाचारों का फोटोग्राफ सहित पोर्टल पर अपलोड |ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित निराकरण | स्वास्थ्य सेवाएं एवं आयुष्मान कार्ड हेतु विशेष शिविर | पेंशन योजना, राशन कार्ड सुधार एवं आधार कार्ड अद्यतन, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम कार्ड, किसान सेवाएं एवं बिजली संबंधी शिकायतों का समाधान

महत्वाकांक्षी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर
कलेक्टर श्री शर्मा ने बैठक में सभी विभागों को निर्देशित किया कि शासन द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन कर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि योजनाओं से वंचित पात्र नागरिकों की पहचान कर यथासंभव उन्हें लाभान्वित किया जाए, ताकि शासन की योजनाओं का वास्तविक लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। बैठक के अंत में कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा ने अधिकारियों से अपेक्षा व्यक्त की कि वे समन्वय, संवेदनशीलता और जवाबदेही के साथ कार्य करते हुए जिले को सुशासन की दिशा में और अधिक सशक्त बनाएंगे।

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