छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के तहत 26 कार्यों को दी मंजूरी, 429.45 करोड़ से 13 निगमों की बदलेगी सूरत

त्तीसगढ़ के शहरों में विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष ‘मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना’ शुरू की है। पहले चरण में यह योजना राज्य के सभी नगर निगमों में लागू की गई है। अधिकारियों के अनुसार, योजना के तहत शहरों में मजबूत अधोसंरचना तैयार करने के लिए बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत की जा रही हैं।

पमुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव की मंजूरी के बाद अब तक 13 नगर निगमों में 26 कार्यों के लिए 429.45 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं इनमें ‘मरीन ड्राइव’ विस्तार, बहुउद्देश्यीय खेल परिसर, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, अत्याधुनिक बस स्टैंड, सभागार, तालाब सौंदर्यीकरण, उद्यान विकास, जलापूर्ति सुदृढ़ीकरण, कॉरीडोर निर्माण, गौरव पथ निर्माण, सड़क बाइपास और चौड़ीकरण जैसे बड़े कार्य शामिल हैं।

योजना के लिए 500 करोड़ का बजट

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 में योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और स्वीकृत कार्यों में से पांच कार्यों के लिए संबंधित फर्मों को कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं, जबकि पांच कार्यों का भूमिपूजन भी किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह योजना शहरों की अधोसंरचना में बड़ा बदलाव लाएगी। सतत विकास और नागरिक-केंद्रित समाधानों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई यह योजना छत्तीसगढ़ के शहरों को आधुनिक, सुंदर और जीवंत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी।

शहरों में विकास कार्यों को मिली गति

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “जीवंत शहरों के निर्माण और जीवन-सुगमता को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष के बजट में शामिल कार्य योजनाओं के अनुरूप ‘मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना’ शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सभी नगर निगमों को जोड़ा गया है और आगे इसे सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी को देखते हुए सुगम यातायात के लिए मुख्य सड़कों का निर्माण, चौड़ीकरण, बाईपास, पुल, सर्विस लेन, अंडरपास और अन्य बुनियादी ढांचे विकसित किए जाएंगे। साव ने यह भी बताया कि शहरों को सुंदर, आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए ‘रिवर फ्रंट’ और भव्य उद्यानों का निर्माण भी योजना के तहत किया जाएगा।

अधिकारियों के अनुसार, योजना के कार्यों की निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी, जो प्रगतिरत कार्यों की नियमित समीक्षा कर समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करेगी। संबंधित नगर निगम के आयुक्त समिति के सदस्य-सह-सचिव होंगे, जबकि लोक निर्माण विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता समिति में अन्य सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि रायपुर नगर निगम में योजना के तहत 91.27 करोड़ रुपये के चार कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जबकि रायगढ़ नगर निगम में 64.66 करोड़ रुपये के तीन कार्यों को मंजूरी मिली है। बिलासपुर नगर निगम में 57.92 करोड़ रुपये की लागत के 9 कार्य और धमतरी नगर निगम में 24.64 करोड़ रुपये की लागत के दो कार्य स्वीकृत किए गए हैं।

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