शेख हसीना को फांसी की सजा:बांग्लादेश कोर्ट ने तख्तापलट के दौरान लोगों की हत्या का दोषी माना

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक मामले में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने हसीना को फांसी की सजा सुनाई है। पिछले साल छात्र नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए उन पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जा रहा है।

हसीना को दी गई फांसी की सजा

अभियोजकों ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। हसीना (78) पर बड़े पैमाने पर हुए विद्रोह से जुड़े कई आरोप हैं, जिसके कारण उन्हें अगस्त 2024 में पद छोड़ना पड़ा था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि हसीना सरकार की ओर से आदेश के बाद 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच ‘विद्रोह’ के दौरान 1,400 लोग मारे गए थे।

शेख हसीना ने जारी किया बयान

कोर्ट के फैसले से पहले शेख हसीना का बयान भी सामने आ गया था। अपने बयान में उन्होंने सभी आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया था। हसीना ने एक ऑडियो संदेश में कहा- “हमने इस तरह के हमलों और मामलों को बहुत देखा है। मुझे परवाह नहीं है, अल्लाह ने मुझे जीवन दिया है और एक दिन मेरी मौत आएगी, लेकिन मैं देश के लोगों के लिए काम कर रही हूं और ऐसा करना जारी रखूंगी। हमारे संविधान के अनुच्छेद 7 (बी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई निर्वाचित प्रतिनिधियों को बलपूर्वक सत्ता से हटाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। यूनुस ने यही (मुझे बलपूर्वक सत्ता से हटाया) किया। अगर कोई अदालत में झूठी शिकायत करता है, तो उस पर कानून के तहत मुकदमा चलता है और एक दिन ऐसा होगा ही।” उन्होंने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से सजा के बारे में चिंता ना करने को कहा है।

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