वैकुंठ चतुर्दशी पर करें ये उपाय, मिलेगी हरि-हर की कृपा

वैकुंठ चतुर्दशी मुख्य रूप से कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस बार 4 नवंबर को यह पर्व मनाया जाएगा। शिवपुराण में वर्णित कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने अपने आराध्य देव शिव जी को हजार कमल अर्पित किए थे, जिससे प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया था। ऐसे में आप इस विशेष दिन पर कुछ उपायों द्वारा प्रभु श्रीहरि के साथ-साथ महादेव की भी कृपा के पात्र भी बन सकते हैं।

मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वादवैकुंठ चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद भगवान शिव और श्रीहरि विष्णु का जल में गंगाजल मिलाकर अभिषेक करें और विधि-विधान से पूजा अर्चना करें। इसके साथ ही इस दिन पर आपको विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से भी शुभ परिणाम मिल सकते हैं।

जरूर करें ये कामवैकुंठ चतुर्दशी के दिन घर के मंदिरों में घी का दीपक जलाएं। अगर संभव हो तो भगवान विष्णु को कमल के 1000 फूल अर्पित करें। साथ ही इस दिन पर कम-से-कम 1 हजार बार ऊँ नम: शिवाय और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। इस उपाय को करने से साधक को जीवन के कई दुखों से मुक्ति मिल सकती है।

तरक्की के खुलेंगे रास्तेवैकुंठ चतुर्दशी एकमात्र ऐसा दिन भी है जिस दिन पर भगवान विष्णु को बेलपत्र चढ़ाए जाते हैं और वहीं भगवान शिव को तुलसी दल अर्पित किए जाते हैं। ऐसे में आपको भी यह काम जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति के लिए तरक्की के मार्ग प्रशस्त होने लगते हैं।

मिलेगा हरि-हर का आशीर्वादबैकुंठ चतुर्दशी के दिन व्रत-उपवास करने का भी विशेष महत्व माना गया है। साथ ही आप इस दिन शाम के समय नदी के किनारे जाकर दीपदान करके 14 दीपक जलाना भी भगवान विष्णु और महादेव की कृपा प्राप्ति के एक उत्तम उपाय माना गया है।

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