महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में पर्याप्त श्रममुखी कार्य प्रारंभ रहे-सीईओ अजय त्रिपाठी

कवर्धा  :  जिले की सभी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अंतर्गत अधिक से अधिक मजदूरीमुखी कार्य प्रारंभ कर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश जिला पंचायत सीईओं श्री अजय कुमार त्रिपाठी द्वारा दिए गए हैं। सीईओ श्री त्रिपाठी ने मनरेगा योजना की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में अभी तक मजदूरीमुखी कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं, वहां 15 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से नए कार्य स्वीकृत कराकर प्रारंभ किए जाएं। उन्होंने निर्देशित किया कि ग्राम पंचायतों में मजदूरीमुखी कार्यों के साथ-साथ स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। समीक्षा के दौरान कुछ पंचायतों में लक्ष्य के विरुद्ध मानव दिवस सृजन कम पाए जाने पर संबंधित तकनीकी सहायकों को फटकार लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

सीईओ अजय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सामग्रीमुखी कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित तकनीकी सहायकों एवं जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार आगामी वर्ष हेतु युक्तधारा पोर्टल के माध्यम से निर्माण कार्यों के प्रस्ताव ग्राम पंचायतों द्वारा भेजे जा रहे हैं। जल संरक्षण से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता देने, हैंडपंप के पास सोख्ता गड्ढा निर्माण, पशु आश्रय शेड, डबरी, कूप निर्माण, तथा अमृत सरोवर के लिए नए स्थलों का चयन करने के निर्देश पूर्व में ही दिए गए हैं। इन सभी कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक में की गई। समीक्षा में यह भी पाया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत कई हितग्राहियों के लिए मनरेगा योजना से मस्टर रोल जारी नहीं किए गए हैं। इस पर सीईओ श्री त्रिपाठी ने संबंधित तकनीकी सहायकों को फटकार लगाते हुए 15 अक्टूबर तक सभी लंबित मस्टर रोल जारी करने के निर्देश दिए और कहा कि यह अंतिम अवसर होगा।

सीईओ त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति संतोषजनक है, जिसके लिए सभी सीईओ जनपद पंचायत की प्रशंसा की गई। वहीं प्रधानमंत्री जनमन योजना में आवास निर्माण की गति तेज करने के लिए कार्यक्रम अधिकारी एवं विकासखंड समन्वयकों को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में निर्माणाधीन आवासों की प्रतिदिन समीक्षा कर कार्यों की प्रगति सुनिश्चित की जाए। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लेबर बजट की ग्राम पंचायतवार समीक्षा की गई तथा 2026-27 के लिए लेबर बजट निर्माण की तैयारी पर तकनीकी सहायकों से जानकारी ली गई। इसके अलावा ‘मोर गांव-मोर पानी’ महाभियान के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों, वृक्षारोपण की प्रगति, सामाजिक अंकेक्षण के लंबित प्रकरणों के निराकरण एवं मॉडल ग्राम पंचायतों के विकास पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

सीईओ त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा योजना ग्रामीणों की आजीविका का प्रमुख साधन है, अतः समय पर मजदूरी भुगतान और रोजगार उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि ग्राम पंचायतें ऐसे कार्यों की पहचान करें जिनसे सामुदायिक आजीविका केंद्रों का संचालन संभव हो सके। मछली पालन, बकरी पालन, कुकुट पालन, सूकर पालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देकर आजीविका संवर्धन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जिला पंचायत सभागार में आयोजित इस समीक्षा बैठक में सभी सीईओ जनपद पंचायत, सहायक परियोजना अधिकारी (मनरेगा), सहायक प्रचार प्रसार अधिकारी, जिला समन्वयक (प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण), कार्यक्रम अधिकारी, विकासखंड समन्वयक, तकनीकी सहायक सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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