नेशनल लोक अदालत के अंतिम चरण में 47,127 प्रकरणों का निराकरण

दंतेवाड़ा : नेशनल लोक अदालत के अंतिम चरण में राजस्व जिला दंतेवाड़ा,सुकमा,बीजापुर एवं बचेली के न्यायालयों को सम्मिलित करते हुए कुल 11 खंडपीठों का गठन किया गया।यह आयोजन प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष कुमार आदित्य के निर्देशानुसार वर्चुअल एवं भौतिक दोनों स्वरूपों में संपन्न हुआ।लोक अदालत के दौरान सभी न्यायालयों में लंबित नियमित प्रकरणों में से कुल 4,592 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 4,473 मामलों का सफल निराकरण किया गया। इसके अंतर्गत कुल 3,53,30,847 रुपये की एवार्ड राशि पारित की गई। वर्षों से न्यायालयों में लंबित मामलों के समाधान से पक्षकारों के चेहरों पर संतोष और खुशी दिखाई दी।

दंतेवाड़ा न्यायालय में कुल 8 खंडपीठों का गठन किया गया, जिनमें प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष कुमार आदित्य, परिवार न्यायालय न्यायाधीश हरीश कुमार अवस्थी,जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहन प्रसाद गुप्ता, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय नक्सल मामले) सुनील कुमार जायसवाल,द्वितीय जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीपी सिंह दांगी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपूर्वा दांगी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी हर्षवर्धन जायसवाल तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय श्रेणी कुमारी सुहासिनी ठाकुर शामिल रहीं।इसके अतिरिक्त व्यवहार न्यायालय बीजापुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रोजमीन खाखा, व्यवहार न्यायालय सुकमा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमेश चौहान तथा व्यवहार न्यायालय बचेली में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्वेता ठाकुर की अध्यक्षता में खंडपीठों का गठन किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दंतेवाड़ा एवं बचेली द्वारा अधिक से अधिक प्रकरणों को लोक अदालत में राजीनामा हेतु प्रस्तुत किया गया। लोक अदालत की सफलता में भारतीय स्टेट बैंक, अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति, ग्रामीण बैंक एवं विद्युत विभाग का सराहनीय योगदान रहा।

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