कैसा है मां दुर्गा का स्वरूप? जानिए देवी के प्रत्येक रूप का महत्व

अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली शारदीय नवरात्रि पूरे भारत में भक्ति और उमंग का अद्भुत संगम लेकर आती है। यह वह पावन समय है जब मां दुर्गा का दिव्य आगमन होता है और उनका आशीर्वाद सभी पर बरसता है। इस दौरान हर जगह पंडालों में माँ की भव्य प्रतिमाएं सजाई जाती हैं और भक्त उनके जयकारों से वातावरण को आनंदमय बना देते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 तक पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाएगी।
नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना या कलश स्थापना के साथ होती है और यह पर्व नौ दिनों तक चलता है। इन नौ दिनों में भक्त माता के नौ दिव्य स्वरूपों की भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखकर अपने मन और आत्मा की शुद्धि का अनुभव करते हैं।
पांचवी नवरात्रि: मां स्कंदमातापांचवी नवरात्रि मां स्कंदमाता को समर्पित है। यह स्वरूप मातृत्व और करुणा का प्रतीक है। अपने पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) के साथ मां स्कंदमाता संतान सुख, माता-पिता का आशीर्वाद और परिवार में सौहार्द प्रदान करती हैं।
छठी नवरात्रि: मां कात्यायनीछठी नवरात्रि मां कात्यायनी को समर्पित है। यह स्वरूप शक्ति और साहस का प्रतीक है। युद्धरत देवी की तरह उनका रूप विपरीत परिस्थितियों में साहस, आत्मविश्वास और कष्टों से मुक्ति प्रदान करता है।
सातवी नवरात्रि: मां कालरात्रिसातवी नवरात्रि मां कालरात्रि को समर्पित है। यह स्वरूप भय, अज्ञान और नकारात्मकता का नाश करती हैं। उनका भयंकर रूप भक्तों के लिए अत्यंत रक्षक है। इस दिन उनकी उपासना से भय, नकारात्मक विचार और दुख दूर होते हैं।
नौवीं नवरात्रि: मां महागौरीनौवीं नवरात्रि मां महागौरी को समर्पित होती है। यह स्वरूप शांति, सौंदर्य और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन उनकी पूजा से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है, साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है।







