इन राशियों को करियर में मिलेगी सफलता, करना होगा ये आसान उपाय

मंगल देव का तुला राशि में गोचर सभी राशियों पर ऊर्जा, कर्मशीलता और परिवर्तन की लहर लाता है। यह गोचर करियर, साझेदारी, वित्त और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मंगल गोचर का सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए मंगल देव अष्टमेश और तृतीयेश हैं। मंगल देव का तुला राशि से द्वितीय भाव में गोचर होगा, जो वाणी, परिवार और धन को प्रभावित करेगा। पंचम भाव पर मंगल देव की दृष्टि संतान और शिक्षा पर ध्यान लाएगी। अष्टम भाव पर मंगल देव की दृष्टि स्वास्थ्य को लेकर सावधानी का संकेत देती है। नवम भाव पर मंगल देव की दृष्टि धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल है। पारिवारिक विवादों से दूर रहें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए मंगल देव सप्तमेश और द्वितीयेश हैं। मंगल देव का तुला राशि से प्रथम भाव में गोचर होगा। यह ऊर्जा, महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत प्रगति को बढ़ाएगा। लेकिन अधीरता और गुस्सा भी ला सकता है। चतुर्थ भाव पर मंगल देव की दृष्टि पारिवारिक शांति को प्रभावित कर सकती है। सप्तम भाव पर मंगल देव की दृष्टि रिश्तों को गहन बनाएगी। अष्टम भाव पर मंगल देव की दृष्टि निवेशों में सावधानी का संदेश देती है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल देव लग्नेश और षष्ठेश हैं। मंगल देव का तुला राशि से द्वादश भाव में गोचर होगा, जिससे व्यय, एकांत और विदेशी संबंध सक्रिय होंगे। तृतीय भाव पर मंगल देव की दृष्टि साहस प्रदान करेगी, लेकिन जल्दबाजी से बचना होगा। षष्ठ भाव पर मंगल देव की दृष्टि प्रतियोगिता पर विजय दिलाएगी, जबकि सप्तम भाव पर मंगल देव की दृष्टि रिश्तों पर असर डालेगी। नींद में बाधा संभव है।
- “हनुमान बाहुक” का पाठ करें।
- श्री हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें।







