मंदसौर से आए कृषि अधिकारियों ने जिले के लिनन प्रयोगशाला का किया शैक्षणिक भ्रमण, अलसी से धागा निर्माण की प्रक्रिया का लिया व्यावहारिक अनुभव

बेमेतरा :– रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बेमेतरा में स्थित लिनन फ्रॉम लिनसीड स्टॉक्स (लिनन प्रयोगशाला) इकाई का भ्रमण करने के लिए मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ एवं अधिकारीगण पहुंचे। यह भ्रमण शैक्षणिक एवं तकनीकी ज्ञानवर्धन की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा। मंदसौर कृषि विज्ञान केंद्र से वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राजेश गुप्ता, डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर श्रीमती अमिता धाकड़ एवं एफपीओएस मंदसौर एग्रो इंडस्ट्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से राकेश पाटीदार इस भ्रमण दल में शामिल हुए। उन्होंने महाविद्यालय की लिनन फ्रॉम लिनसीड स्टॉक्स इकाई का निरीक्षण किया और अलसी के डंठल (स्टॉक्स) से धागा निर्माण तथा उससे कपड़ा तैयार करने की पूरी प्रक्रिया को करीब से देखा और समझा।

इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. संदीप भडारकर ने अतिथियों को लिनन इकाई की स्थापना, उसके उद्देश्य, तकनीकी पहलुओं और नवाचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं सहायक प्राध्यापक डॉ. टी. डी. साहू ने लिनन निर्माण की चरणबद्ध प्रक्रिया जैसे रेटिंग, ड्रायिंग, ब्रेकिंग, स्कचिंग एवं स्पिनिंग आदि को विस्तारपूर्वक समझाया। इस शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में सह-प्राध्यापक डॉ. यू. के. ध्रुव एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. साक्षी बजाज भी उपस्थित रहीं। मंदसौर से आए अधिकारियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अलसी जैसे परंपरागत फसल से इस प्रकार का नवाचार किसानों की आय में वृद्धि के लिए प्रेरक साबित हो सकता है। भविष्य में इस तकनीक के आदान-प्रदान और अनुसंधान सहयोग की संभावनाओं को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई। इस तरह का आपसी संवाद कृषि के क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने की दिशा में एक उपयोगी प्रयास माना जा रहा है।

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