छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट जारी, मौसम विभाग ने की लोगों से सतर्क रहने की अपील

रायपुर: उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटों में कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी भी जारी की गई है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जबकि बलरामपुर क्षेत्र में कहीं-कहीं भारी बारिश हुई है।

रायपुर में मौसम का हाल

वहीं सबसे अधिक अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री पेंड्रारोड में और सबसे कम न्यूनतम तापमान 19.7 डिग्री राजनांदगांव में दर्ज किया गया। राजधानी में अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री और न्यूनतम 23.5 डिग्री रहा, जो सामान्य से क्रमशः 5.7 और 1.7 डिग्री कम है। दिनभर नमी 90 प्रतिश से अधिक बनी रही, और औसत हवाओं की गति 3 किमी प्रति घंटे रही।

मुख्य बारिश रिकॉर्ड (मिमी में): चंदौ-70, बलरामपुर-50, सुकमा, गंगालूर, चंद्रपुर, कोमाखान, बसना, पिथौरा, दुर्ग, डभरा, घरघोड़ा, बतौली, खैरगढ़, लोरमी, कोरबा, बगीचा आदि क्षेत्रों में 10–30 मिमी बारिश दर्ज की गई।

बना हुआ है सिस्टम

बंगाल की खाड़ी में सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र अगले दो दिनों में झारखंड और ओडिशा होते हुए पश्चिम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। मौसम के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आसमान में बादल छाए रहेंगे और एक-दो स्थानों पर तेज गर्जना के साथ भारी बारिश हो सकती है।

ऐसा रहेगा मौसम

प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर बादल छाए रहेगा। एक-दो स्थानों पर तेज गर्जना और बिजली के साथ भारी बारिश हो सकती है। रायपुर में तापमान 28 डिग्री अधिकतम और 23 डिग्री न्यूनतम रहने की संभावना है।

बिलासपुर में कैसा रहेगा मौसम?मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार अगले कुछ दिनों तक बिलासपुर सहित प्रदेशभर में भारी से बहुत भारी बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। बीते 24 घंटों में बिलासपुर में बारिश दर्ज नहीं हुई, जबकि कुछ जिलों में हल्की से मध्यम और बलरामपुर जैसे इलाकों में भारी बारिश हुई।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह ठहराव अस्थायी था, अब दोबारा सिस्टम सक्रिय हो चुके हैं जो अच्छी बारिश के संकेत दे रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार वर्तमान में तीन प्रमुख मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं, जिनका असर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों पर दिखेगा।

बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्से और उससे लगे पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक चक्रवाती परिसंचरण फैला है। एक मानसून द्रोणिका फिरोजपुर, सोनीपत, अयोध्या, गया, पुरुलिया और कम दबाव क्षेत्र के केंद्र होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली है।

दक्षिण राजस्थान और उत्तर गुजरात से मध्य प्रदेश होते हुए उत्तरी छत्तीसगढ़ और उड़ीसा तक ऊपरी हवा में पूर्व-पश्चिम द्रोणिका बनी है, जो समुद्र तल से 5.8 किमी तक फैली है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकी हुई है।

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