विनायक चतुर्थी पर हर्षण योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी संयोग, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

वैदिक पंचांग के अनुसार, 28 जून को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी तिथि का व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर हर्षण योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी।
हर्षण योग (Shubh Yog)ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी पर हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन शाम 07 बजकर 15 मिनट पर होगा। इसके साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग का संयोग दिन भर है। वहीं, समापन 29 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
नक्षत्र एवं चरणआषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी तिथि पर पुष्य और अश्लेषा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही गर और वणिज करण के योग हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पंचांग
- सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 23 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 09 मिनट पर
- चन्द्रास्त- रात 10 बजकर 04 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक







