एक बार फिर नागलोक के पंचायत में वित्त अनियमितता का मामला सामने आया

जशपुर: एक बार फिर नागलोक के पंचायत में वित्त अनियमितता का मामला सामने आया है, राशि आहरण कर गबन एवं वित्तीय अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है, मंगलवार को जनदर्शन में कलेक्टर से लिखित शिकायत करते हुए प्रताप तिर्की ने कलेक्टर से जल्द कार्यवाही करने को कहा है। आप को बता दें कि आरोप फरसाबहार के पूर्व सरपंच / सचिव पर लगा है ।
पूर्व उपसरपंच ने बताया कि मामले को लेकर 2022 में एक बार जाँच भी जिला पंचायत द्वारा कराया जा चूका है जाँच में भी प्रमाण होने के बाद आज तक कार्यवाही नहीं हो सका है, जिले के ग्राम पंचायत फरसाबहार में एक बार फिर शासकीय राशि के घोटाले का जिन्न जाग गया है प्रताप तिर्की पूर्वसरपंच फरसाबहार ने पूर्व पंचायत सचिव श्यामबिहारी चौहान एव पूर्व सरपंच अरुण खलखो पर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने एव लगभग 32.50 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगाया है । आप को बता दें कि यह पूरी जानकारी सूचना का अधिकार के तहत प्रताप तिर्की पूर्व उपसरपंच ने निकाली है । उनका आरोप है कि, वित्त वर्ष 2022 में कार्यकाल के दौरान करीब 32 लाख रुपये का किसी भी प्रकार का बिल सामजिक अंकेक्षण (आडिट) में नहीं दिया गया है, निर्माण कार्यों के नाम पर आहरित की । उसका कोई भी बिल वाउचर नहीं है जिससे साफ नजर आ रहा कि यहाँ खेला हुआ है
उपसरपंच के मुताबिक, ग्राम पंचायत – फरसाबहार में सड़क मरम्मत,सीसी रोड निर्माण, चबूतरा निर्माण और मंच छज्जा निर्माण नल कूप खन्न के नाम पर लगभग 1 करोड़ 34 लाख रूपये 15 वें वित्त एव मुलभुत के राशि स्वीकृत थे जिसमे बिना निर्माण कार्य के ही बिल अधिक राशि आहरित की गई थी । अभी तक इनमें से कोई भी कार्य शुरु नहीं किया गया है। जिसको लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है। यह राशि गलत तरीके से आहरण कर गबन किया गया है। उपसरपंच प्रताप तिर्की ने बताया कि वर्ष 2022 में ही पूर्व सरपंच / सचिव के खिलाफ कलेक्टर के साथ प्रतिलिपि में जनप्रतिनिधियों को भी ज्ञापन सौंप कर शिकायत किया गया आज प्रयत्न तक कार्यवाही नहीं हो पाया है। वर्ष 2022 में प्रशासन के द्वारा गठित टीम में जॉचकर्ता अधिकारी का नाम नवीन लकड़ा – सहायक विकास विस्तार अधिकारी, सोहन साय पंकरा – करारोपण अधिकारी, बसंत टोप्पो करारोपण अधिकारी रंजित कुजूर – एवं करारोपण अधिकारी शामिल थे। और गठित टीम ने गबन एवं वित्तीय अनियमिता किये जाने के सम्बंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व फरसाबहार को जाँच रिपोर्ट भी पेश कर दिया था पर आज तक इस विषय में सुनवाई नहीं हो सकी है।








