आज से शुरू हिंदू नववर्ष, इन बातों का रखें ध्यान, पूरे साल बने रहेंगे धनवान

नई दिल्ली : हिंदू नव वर्ष हर साल हिदुओं द्वारा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाला यह नव वर्ष न केवल एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं को भी आगे बढ़ाता है। हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और साल का समापन चैत्र माह की अमावस्या तिथि पर होता है। इस शुभ अवसर पर कुछ विशेष बातों का ध्यान हर किसी को रखना चाहिए, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

 

हिंदू नववर्ष पर इन बातों का रखें ध्यान, करें ये काम 

इस दिन का विशेष महत्व है। यह दिन सृष्टि के आरंभ का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी। इसलिए इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके साथ ही अपने घर के मुख्य द्वार को साफ-सुथरा रखें और रंगोली से सजाएं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।

हिंदू नव वर्ष एक नई शुरुआत का प्रतीक है। ऐसे में इस दिन अपने लक्ष्यों तय करें और नई योजनाएं बनाएं। यह संकल्प आपको पूरे साल अपने लक्ष्यों की ओर प्रेरित रखेगा और सफलता प्राप्त करने में सहायक होगा।

हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व है। ऐसे में इस मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। अनाज, वस्त्र, धन या कोई भी उपयोगी वस्तु दान कर सकते हैं। ऐसा करने से न केवल आपको पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि आपके घर में बरकत भी बनी रहती है।

नया साल हमेशा नई उम्मीदें लेकर आता है। इसलिए नकारात्मक विचारों से दूर रहें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। अपने आसपास सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें। ये सकारात्मकता आपको आने वाली चुनौतियों का सामना करने और सफलता प्राप्त करने में मदद करेगी।

चैत्र माह में वसंत ऋतु का आगमन होता है। ऐसे में इस दिन वृक्षारोपण करना या प्रकृति की देखभाल करने का संकल्प लेना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से आपके जीवन में कभी धन और दौलत की कमी नहीं होगी। हिंदू नव वर्ष केवल एक तिथि परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ जीवन जीने का संदेश देता है।

हिंदू कैलेंडर

हिंदू कैलेंडर में 12 महीने होते हैं, जो हर मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं और पूर्णिमा तिथि पर खत्म होते हैं।

महीनों के नाम

चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।

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