पिछड़ा वर्ग आरक्षण नहीं होने से रोष, बालोद को पिछड़ा वर्ग देने की मांग

kkbnews:-बालोद। नगरीय निकाय चुनाव में नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने से इस वर्ग में काफी रोष है। वहीं दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के पिछड़ा वर्ग कार्यकर्ताओं ने बालोद नगर पालिका में पिछड़ा वर्ग को प्राथमिकता देने की बात कही है। पिछड़ा वर्ग का कहना है कि भले ही आरक्षण न दिया गया हो लेकिन राजनीतिक दलों को इस बारे में सामंजस्य बिठाते हुए पिछड़ा वर्ग का प्रत्याशी तय करना चाहिए।
नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के बाद एक तरफ शासन प्रशासन चुनाव की तैयारी में लग गया है। वहीं राजनीतिक दल भी अपने प्रत्याशियों के नाम को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। इसी तारतम्य में बालोद जिले के सभी नगर पंचायत व नगर पालिका बालोद और दल्लीराजहरा में भी दोनों ही दल अपने प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देने में मंथन कर रहे हैं। जैसे-जैसे समय बितता जा रहा है आरक्षण का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है। नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिए जाने से पिछड़ा वर्ग के हितों को लेकर कार्य कर अनेक संस्थाओं द्वारा भी पुरजोर विरोध किया गया है, वहीं अब राजनीतिक दलों में भी यह मांग प्रमुखता के साथ उठ रही है। माना जा रहा है कि अभी प्रत्याशी तय करने में 2 दिन का समय है ऐसे में दोनों ही दलों के पिछड़ा वर्ग नेता भी एकजुटता के साथ अपनी बात पहुंचा रहे हैं। यह मांग हालांकि सभी नगरीय निकायों में चल रही है लेकिन सबसे ज्यादा प्रमुखता के साथ जिला मुख्यालय बालोद के नगर पालिका क्षेत्र के लिए पिछड़ा वर्ग प्रत्याशी देने की मांग की जा रही है।
एक दूसरे के संपर्क में है प्रदेश भर के नेता
बताया जा रहा है कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण नहीं दिए जाने के बाद से प्रदेश भर के पिछड़ा वर्ग के सभी बड़े नेता आपस में संपर्क में हैं और जहां-जहां संभावनाएं दिख रही है वहां पिछड़ा वर्ग को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में बालोद नगर पालिका क्षेत्र में भी पिछड़ा वर्ग की संख्या को देखते हुए पिछड़ा वर्ग का प्रत्याशी तय करने की मांग उठ रही है।
15 साल से था सामान्य वर्ग अब पिछड़ा वर्ग की बारी
यहां पर अधिकतर कार्यकाल सामान्य वर्ग के लोगों का रहा है। नगर पालिका बालोद में पिछले 15 सालों से लगातार सामान्य वर्ग को मौका मिला था, इसलिए अब लोग यहां पिछड़ा वर्ग को मौका मिलने की हिमाकत कर रहे हैं। यही वजह है कि बालोद में पिछड़ा वर्ग को टिकट दिए जाने की मांग प्रमुखता से की जा रही है। विधानसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लोग निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसीलिए इस वर्ग के लोगों की प्रबल दावेदारी बताई जा रही है।
पिछड़ा वर्ग की नाराजगी पड़ सकती है भारी
बालोद नगर पालिका क्षेत्र में काफी संख्या में पिछड़ा वर्ग निवास करते हैं, चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए पिछड़ा वर्ग को अहमियत नहीं देना भारी पड़ सकता है, यदि पिछड़ा वर्ग के लोग एक हो गए तो परिणाम विपरीत भी जा सकता है। यही वजह है कि पिछड़ा वर्ग की मांगों को लेकर राजनीतिक दल भी चिंतन कर रहे हैं। जिस तरह का माहौल पिछले दो दिनों में बना है इससे पिछड़ा वर्ग के नेताओं को उम्मीद है कि इस वर्ग का प्रत्याशी तय किए जाएंगे।
पिछड़ा वर्ग की कई महिलाएं सक्रिय
बालोद । नगर पालिका क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के कई बड़े नेता सक्रिय हैं, जो हमेशा संगठन के कार्यों में आगे रहते हैं। इनमें कई महिलाएं हैं जो स्वयं सक्रिय रूप से राजनीति में हैं जो पार्टी के कार्यों में पूरी तरह से सहयोग करती हैं। इनकी राजनीति परिवार के सहारे नहीं चलती। वैसे भी राजनीतिक व सामाजिक रूप से सक्रिय महिलाओं को ही टिकट दिए जाने की मांग पहले से ही उठ रही है।







