सरकारी रेत चोरी करने वालों पर अब टूटेगा कानून का कहर – विवेचना अधिकारी आर.के. पटेल बोले, “कानून हाथ में लेने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा”

 

बलौदा बाजार:तहसील के थाना लवन क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा में बीते अगस्त माह में सामने आए अवैध रेत भंडारण और चोरी के मामले ने अब बड़ा रूप ले लिया है। यह मामला अब न केवल खनिज विभाग बल्कि पुलिस विभाग के लिए भी संवेदनशील बन चुका है। सूत्रों की मानें तो इस बार रेत माफिया किसी भी कीमत पर बचने वाले नहीं हैं।

घटना के अनुसार, 25 अगस्त 2025 को खनिज विभाग बलौदाबाजार के निरीक्षक भूपेंद्र कुमार भक्त को सूत्रों से जानकारी मिली कि ग्राम पंचायत तिल्दा में बड़े पैमाने पर अवैध रेत भंडारण किया गया है। जानकारी मिलते ही विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तिल्दा सहित आसपास के क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई की और करीब 249 ट्रैक्टर रेत जब्त की। इस जब्त रेत को विधि अनुसार ग्राम पंचायत सरपंच दीनबंधु घृतलहरे की सुपुर्दगी में सौंप दिया गया था।

लेकिन कुछ ही दिनों बाद इस जब्त रेत को गांव के कथित रेत तस्कर मनोज कैवर्त्य, रामकुमार यादव सहित अन्य 06 व्यक्तियों द्वारा चोरी कर ऊँचे दामों पर बेच दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया। सरपंच दीनबंधु घृतलहरे ने इस संबंध में 12 सितंबर 2025 को खनिज विभाग को लिखित शिकायत दी। शिकायत के आधार पर विभाग ने जांच शुरू की और मामला पूरी तरह सत्य प्रतीत होने पर 29 अक्टूबर 2025 को खनिज निरीक्षक भूपेंद्र कुमार भक्त ने पुलिस थाना लवन में आवेदन प्रस्तुत कर चोरी के आरोपियों के विरुद्ध अपराध दर्ज करने की मांग की।

खनिज निरीक्षक द्वारा सौंपे गए आवेदन में रेत चोरी के पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया गया है, हालांकि कितनी मात्रा में चोरी हुई रेत का सटीक उल्लेख आवेदन देखने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में विवेचना शुरू कर दी है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लवन थाना प्रभारी के दिशा-निर्देश में प्रधान आरक्षक एवं विवेचना अधिकारी आर.के. पटेल मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा,

> “कानून हाथ में लेने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। जांच कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है और बहुत जल्द इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज की जाएगी। पुलिस किसी भी दबाव में नहीं आएगी।”

इस घटना ने प्रशासनिक तंत्र और स्थानीय जनप्रतिनिधियों दोनों को हिला कर रख दिया है। लंबे समय से इस क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन का धंधा फल-फूल रहा था। कई बार कार्रवाई के बावजूद तस्कर अपने रसूख और चालाकी से बच निकलते रहे, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग नजर आ रहे हैं।

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रकरण सीधे तौर पर सरकारी संपत्ति की चोरी से जुड़ा है, इसलिए इसमें भारी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज होना तय है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो संबंधित आरोपियों को लंबी सजा और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

ग्राम पंचायत तिल्दा के सरपंच दीनबंधु घृतलहरे ने कहा,

> “सरकारी रेत चोरी कर कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जरूरी है। यह केवल ग्राम पंचायत का नहीं बल्कि शासन की संपत्ति का मामला है। ऐसे अपराधियों को दंड मिलना ही चाहिए।”

वहीं खनिज निरीक्षक भूपेंद्र कुमार भक्त ने भी पुष्टि की कि,

> “सरपंच के शिकायत पत्र के आधार पर मैंने थाना लवन में आरोपियों के विरुद्ध आवेदन दे दिया है। विभाग की ओर से सारी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अब यह पुलिस का दायित्व है कि वह कानूनी कार्रवाई को अंजाम दे।”

स्थानीय लोगों में भी इस मामले को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से रेत माफिया खुलेआम अवैध खनन और परिवहन करते रहे हैं, लेकिन अब जनता को उम्मीद है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर इन पर शिकंजा कसेंगे।

सूत्रों के हवाले से यह भी जानकारी मिली है कि आरोपी रेत तस्कर फिलहाल गिरफ्तारी से बचने के लिए इधर-उधर संपर्क साध रहे हैं, मगर कानून के शिकंजे से बच पाना अब उनके लिए लगभग असंभव माना जा रहा है।

जनता और पत्रकार जगत की निगाहें अब पुलिस की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। सबकी जुबान पर एक ही सवाल है —

“क्या इस बार रेत चोरों की बारात सच में निकलेगी?”

कुल मिलाकर, लवन थाना क्षेत्र का यह मामला अब प्रशासनिक और कानूनी दोनों दृष्टिकोण से अहम बन गया है। खनिज विभाग और पुलिस दोनों ही इस बार किसी भी तरह की लापरवाही के मूड में नहीं दिख रहे।

अगर सबकुछ तय प्रक्रिया के अनुसार हुआ, तो बहुत जल्द बलौदाबाजार जिला एक बड़ी कानूनी कार्रवाई का गवाह बनेगा।

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