गांजा तस्करों को 7 वर्ष का सश्रम कारावास

सुकमा : पुलिस अधीक्षक सुकमा किरण चव्हाण (भा0पु0से0) के द्वारा पूर्व में जिले के समस्त थाना प्रभारीयों को मादक पदार्थ गांजा की तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण करने एवं तस्करों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश पर थाना छिन्दगढ़ पुलिस द्वारा मुखबीर तंत्र को सक्रिय कर जिला सुकमा (छ.ग.) एवं सीमावर्ती राज्य उड़िसा के गांजा तस्करों की पतासाजी लगातार की जा रही थी। उसी दौरान दिनांक 23.11.2024 को मुखबीर के जरिये इस आशय की सूचना प्राप्त हुयी थी कि उड़ीसा राज्य की सीमा से लगे ग्राम कस्तूरी बंटूपारा के रास्ते होकर उड़ीसा राज्य की ओर से काले रंग के होण्डा मोटर सायकल क्र. OD 30 E 0592 में दो व्यक्ति भूरा रंग के झोला में अवैध रूप से गॉजा लेकर आने वाले हैं।

मुखबीर से प्राप्त सूचना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल अवगत कराया गया तदोपरांत पुलिस अधीक्षक महोदय सुकमा किरण चव्हाण (भा0पु0से0) के निर्देशन एवं अति0 पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा (रा0पु0से0) के मार्गदर्शन तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुकमा परमेश्वर तिलकवार (रा0 पु0से0) केे पर्यवेक्षण में उप निरीक्षक परसू राम पैंकरा द्वारा हम. स्टाफ के साथ आवश्यक विवेचना सामग्री लेकर ग्राम कस्तुरी बंटूपारा कोडरीपाल जाने का तिराहा पहुंचकर MCP लगाकर घेराबंदी कर आरोपियान रामा बेटी पिता स्व. हड़मा बेटी उम्र 40 वर्ष जाति गोंड साकिन ग्राम मटापाका थाना मलकानगिरी जिला मलकानगिरी (उड़िसा) एवं पोज्जा ताती पिता दुला उम्र 27 वर्ष जाति गोंड निवासी ग्राम कोसाबंदर थाना सुकमा जिला सुकमा (छ.ग.) के विरूद्ध मौके पर धारा 20 (B)(।।) (B) NDPS Act के तहत संपूर्ण कार्यवाही करते हुये आरोपियों के संयुक्त कब्जे से मादक पदार्थ गांजा जुमला वजन 10.850 कि.ग्रा. एवं गांजा परिवहन में प्रयुक्त एक काले रंग का होण्डा मोटर सायकल क्र. OD 30 E 0592, दो नग सैमसंग कंपनी का स्क्रीन टच मोबाईल एवं नगदी 400.00 रूपये, को मुताबिक जप्ती पत्रक के समक्ष गवाहान जप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।

प्रकरण की विवेचना निरीक्षक रंजीत प्रताप सिंह द्वारा शिघ्र पूर्ण कर आरोपियों के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तूत किया गया था। उक्त मामले में विचारण उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 50,000-50,000 रूपये का अर्थदंड की सजा पारित की गयी है। पुलिस की उक्त कार्यवाही न केवल अंतर्राज्यीय गांजा तस्करों के विरूद्ध की गयी एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि नशे के व्यापार को रोकने एवं समाज के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में किया गया एक सार्थक प्रयास है।सभी प्रकरण में विवेचक निरीक्षक रंजीत प्रताप सिंह, रेड कार्यवाही एवं विवेचक उपनिरीक्षक पी.आर.पैंकरा, प्र.आर. 360 आसमन मांझी, प्र.आर. 327 चंदन सिंह नेगी एवं अन्य स्टाफ का द्वारा उक्त आरोपियों को न्यायालय से 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 50,000-50,000 रूपये का अर्थदंड की सजा दिलाने में विशेष योगदान रहा।

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