छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा मंडल किरन्दुल द्वारा धूमधाम से मनाया गया पोला तिहार

किरन्दुल :छत्तीसगढ़ का लोकप्रिय और पारंपरिक त्यौहार ‘पोला’ आज पूरे राज्य में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। विशेष रूप से किरंदुल में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक क्रीड़ा मंडल द्वारा शनिवार इस पर्व को बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया,जिसमें स्थानीय संस्कृति, परंपरा और सामुदायिक एकता की अनूठी झलक देखने को मिली। यह त्यौहार, जो मुख्य रूप से खेती-किसानी और पशुधन, विशेषकर बैलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है, छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक क्रीड़ा मंडल द्वारा आयोजित पोला त्यौहार की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी और माँ दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना के साथ हुई।इस अवसर पर मिट्टी के बने बैल,जाता पोरा और मिट्टी के बर्तनों की विधि-विधान से पूजा की गई, जो इस पर्व का एक अभिन्न अंग है।यह पूजा न केवल कृषि और पशुधन के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखने का एक प्रयास भी है।

पूजा के बाद मंडल ने महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न मनोरंजक खेलों का आयोजन किया, जिसने इस उत्सव को और भी रंगीन बना दिया। गेड़ी दौड़, जो छत्तीसगढ़ के इस पर्व का एक विशेष आकर्षण है, में बच्चों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बांस से बनी गेड़ी पर संतुलन बनाकर दौड़ने का यह खेल न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाता है। इसके अलावा, महिलाओं के लिए आयोजित खेलों ने सामुदायिक सहभागिता और उत्साह को बढ़ाया।पोला त्यौहार का महत्व पोला, छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख कृषि पर्व है, जो भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाता हैं।

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