जिले में खाद-बीज की नहीं है कोई कमी, किसानों को मिल रही समय पर मदद, शून्य प्रतिशत ब्याज पर मिल रहा उर्वरक और बीज

बेमेतरा :  राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाएं अब धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने लगी हैं। बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम शुकुलपारा के कृषक थूकेल सोनकर की कहानी इसका जीवंत उदाहरण है, जो बताती है कि योजनाओं का लाभ सही समय पर मिलना किसान की खेती को कितना सरल बना देता है। थूकेल सोनकर, जिनके पास 4 एकड़ कृषि भूमि है, इस वर्ष धान की खेती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सेवा सहकारी समिति नवागढ़ से बिना किसी ब्याज के 10 बोरी यूरिया, 5 बोरी सुपर फास्फेट, 5 बोरी डीएपी, 2 बोरी पोटाश तथा पहले से 4 बोरी धान बीज समय पर प्राप्त हो चुके हैं। यह सारा अनुदान शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया गया, जिससे किसानों पर आर्थिक दबाव भी नहीं पड़ा।सोनकर ने बताया कि अब गांव के सभी किसान समय पर खाद-बीज प्राप्त कर रहे हैं, जबकि पहले उन्हें खाद के लिए भटकना पड़ता था और खेती की शुरुआत में ही अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा अब समिति में सभी प्रकार की खाद डीएपी, एनपीके, पोटाश तथा कीटनाशक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस व्यवस्था से खेती का कार्य समय पर शुरू हो पाया है।

जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज का भंडारण सुनिश्चित
कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन मे एवं कृषि विभाग द्वारा जिले की सभी सेवा सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज का भंडारण किया गया है। विशेषकर नवागढ़ विकासखंड की सेवा सहकारी समिति से जुड़े 16 गांवों के सैकड़ों किसान लाभांवित हो रहे हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि हर कृषक को खेती के लिए जरूरी सामग्री बिना किसी परेशानी के उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री को किसानों का धन्यवाद
सोनकर सहित अन्य किसानों ने छत्तीसगढ़ सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि, हमारे जैसे छोटे किसानों को बिना ब्याज खाद और बीज मिलना किसी वरदान से कम नहीं है। अब समय पर खेत में बुवाई हो रही है और उत्पादन बेहतर होने की आशा है। जिले में कृषि को लेकर राज्य शासन की सक्रियता और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से खेती अब अधिक सुविधाजनक और लाभकारी होती जा रही है। खाद, बीज और कीटनाशकों की समय पर आपूर्ति से किसानों में संतोष और आत्मविश्वास बढ़ा है। आने वाले समय में इन प्रयासों से जिले की कृषि उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।

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