शाला प्रवेश उत्सव: शिक्षा के नए आरंभ का प्रेरणादायी पर्व

बेमेतरा   : शिक्षा केवल किताबी ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण, सामाजिक चेतना और राष्ट्र निर्माण की नींव है। इसी विचार को आत्मसात करते हुए बेमेतरा जिले में कल 16 जून (सोमवार) को ग्राम मोहरेंगा (विकासखंड बेमेतरा, विधानसभा नवागढ़) में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन दोपहर 12:00 बजे पूर्व माध्यमिक शाला परिसर में सम्पन्न होगा। मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल की गरिमामयी उपस्थिति कार्यक्रम को और अधिक गौरवमयी बनाएगी।शाला प्रवेश उत्सव का उद्देश्य नन्हें विद्यार्थियों को स्कूल के प्रथम दिन से ही अपनापन, स्नेह और प्रेरणा का अनुभव कराना है। यह अवसर न केवल बच्चों के लिए एक नए जीवन अध्याय की शुरुआत का प्रतीक होता है, बल्कि माता-पिता, शिक्षकों और समाज के लिए भी यह शिक्षा के प्रति संकल्प को दोहराने का क्षण होता है।
*इस अवसर पर नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत उत्सवपूर्वक किया जाएगा। बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, कॉपियाँ, स्टेशनरी सामग्री और यूनिफॉर्म जैसी शैक्षिक सामग्रियाँ प्रदान की जाएंगी। ये सामग्री न केवल पढ़ाई की सुविधा बढ़ाएंगी, बल्कि उनके मन में शिक्षा के प्रति रुचि और आकर्षण भी पैदा करेंगी।

कार्यक्रम में बच्चों के लिए विशेष प्रेरणादायी गतिविधियाँ, रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, बाल गीत, एवं स्वागत सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को विद्यालय जीवन से जोड़ने और उनमें आत्मविश्वास जगाने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षकों द्वारा बच्चों को सरल भाषा में विद्यालय के महत्व और शिक्षा के लाभों की जानकारी दी जाएगी, जिससे बच्चों के मन में कोई झिझक या डर न रहे।शाला प्रवेश उत्सव सामाजिक समावेशन का भी प्रतीक है। यह सुनिश्चित करता है कि हर वर्ग, हर समुदाय के बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहें। यह आयोजन विशेष रूप से बालिकाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक सिद्ध होता है।

सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का प्रभाव दूरगामी होता है। यह न केवल शाला में नामांकन को प्रोत्साहित करता है, बल्कि विद्यालय पर जनविश्वास भी बढ़ाता है। ऐसे आयोजनों से ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रॉपआउट रेट में कमी आती है और स्कूलों में नामांकन दर में वृद्धि होती है।कार्यक्रम की सफलता के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, बीईओ, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, स्कूल स्टाफ एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की गई है। विद्यालय परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया है, ताकि बच्चों को एक उत्सव का अनुभव हो।शाला प्रवेश उत्सव वास्तव में शिक्षा का महापर्व है, जो समाज को यह संदेश देता है कि “हर बच्चा पढ़े, आगे बढ़े”। यह नन्हें कदमों के बड़े सपनों की शुरुआत है – जहां एक बच्चा स्कूल का दरवाज़ा खोलता है, वहीं से समाज की उज्ज्वल दिशा तय होती है।इस तरह, बेमेतरा जिले का यह आयोजन न केवल एक परंपरा का निर्वाहन है, बल्कि “शिक्षा के अधिकार” को एक जमीनी सच्चाई बनाने की दिशा में सशक्त कदम भी है।

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