फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे व्याख्याता बर्खास्त, DPI ने जारी किया आदेश

कोरबा : बीएड और पोस्ट ग्रेजुएशन के फर्जी रिजल्ट के सहारे नौकरी पाने वाले व्याख्याता को निलंबित कर दिया गया है। व्याख्याता फर्जी रिजल्ट दे शिक्षा विभाग में ज्वॉइन कर बैठा था। शिकायत मिलने पर जांच की गई। जांच में मामला प्रमाणित पाए जाने पर और रिजल्ट के पुष्टि होने पर बर्खास्तगी आदेश डीपीआई ने जारी किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरबा जिले के करतला विकासखंड के शाासकीय हाईस्कूल लवेद में पदस्थ व्याख्याता लक्ष्मी नारायण रजवाड़े के खिलाफ फर्जी मार्कशीट से नौकरी करने की शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक द्वारा जमा रिजल्ट को जांच हेतु जहां से डिग्री जारी की गई थी वहां भेजा। अर्थात गुरु घसीदास यूनिवर्सिटी कोनी बिलासपुर भेज कर डिग्री की जांच करवाई गई।

शिक्षक ने बीए, एमए और बीएड की डिग्री जमा की थी। विश्वविद्यालय ने अपने जवाब में बताया कि 2003 में प्राप्त किए गए बीए की डिग्री सही है और यूनिवर्सिटी से इसे प्राप्त किया गया है। जबकि 2005 में प्रदाय की गई एमए संस्कृत की डिग्री विश्वविद्यालय से जारी नहीं किया गया है। इसी तरह 2008 की बीएड डिग्री भी विश्वविद्यालय से प्राप्त नहीं किया गया है।

फर्जी रिजल्ट की पुष्टि होने पर शिक्षक लक्ष्मी नारायण रजवाड़े को कई बार नोटिस भेज कर जवाब मांगा। पर कई बार वे अनुपस्थित रहे। 4 अक्टूबर 2024 को अंतिम सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया। जिसमें शिक्षक ने उपस्थित होकर लिखित उतर प्रस्तुत किया। पर यह संतोषजनक नहीं रहा।इसलिए नियमों के मुताबिक फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करने के आरोप में व्याख्याता लक्ष्मी नारायण राजवाड़े को डीपीआई द्वारा बर्खास्त कर दिया गया है।

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