अरपा नदी में पानी को तरसते लोग, क्या एक दिन की मुहिम से सूखी नदी में भर आएगा जल ?

“जल ही जीवन है, इसे बचाना हमारा कर्तव्य है… इस श्लोगन को सुनकर आपके मन में भी पानी की उपयोगिता और इसकी बर्बादी पर ध्यान जरूर गया होगा. लेकिन आज भी लोगों का ध्यान पानी की उपयोगिता और नदियों के संरक्षण व संवर्धन की ओर नहीं जाता. ऐसी ही तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के इस जिले में विश्व जल दिवस बहुत खास तरीके से मनाया गया. हर साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन शहरवासियों को नदी का साफ पानी मिलना एक सपने जैसा हो गया है.
कई लोग हुए मुहीम में शामिल
बिलासपुर की अरपा नदी पर विश्व जल दिवस मनाया गया. इस दिन को यादगार बनाने के लिए जिले के सभी प्रतिष्ठित नागरिक, प्रशासनिक अधिकारी, नगर निगम महापौर, निगम अधिकारी सहित शहर के 70 वार्डों की स्वच्छता दीदी और सैकड़ों सफाई कर्मी अरपा नदी को साफ करने की मुहिम में शामिल हुए.
अरपा नदी का पानी सूखा
बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी जिले की एकमात्र नदी है, जो पूरी तरह से सूखी पड़ी है. इसे बचाने और इसके उत्थान के लिए नगर निगम ने अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर दिए, लेकिन…. आज भी बिलासपुरवासी अरपा की एक स्वच्छ बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. भूजल का स्तर हर साल घटता जा रहा है. आज भी शहर के कई वार्डों में पानी की समस्या आम है, जिसे लेकर शहर के लोगों में चिंता बनी हुई है.
ऐसे में सवाल उठता है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद विश्व जल दिवस के मौके पर एक दिन की स्वच्छता से क्या अरपा नदी अपने पुराने स्वरूप में लौट पाएगी ? क्या शहर के लोगों को इस नदी से साफ पानी मिल पाएगा ? क्या प्रशासन की तरफ से चलाया गया ये एक दिवसीय प्रयास अरपा नदी को साफ करने और बचाने के लिए पर्याप्त है ?







