जिला पंचायत चुनाव: दुर्ग में नामांकन से पहले कांग्रेस उम्मीदवार गायब; भाजपा की सरस्वती बंजारे निर्विरोध अध्यक्ष बनीं

दुर्ग :  जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पूरा समीकरण बनाकर नामांकन भरने पहुंचे कांग्रेस के नेताओं को उल्टे पांव लौटना पड़ा गया। नामांकन दाखिल करने के पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार गायब हो गईं।

जिससे संगठन से लेकर राज्य स्तर के नेताओं के बीच खलबली मच गई। हालात यह रहे कि भाजपा के उम्मीदवार सरस्वती बंजारे के निर्विरोध जीत की घोषणा कर दी गई। बारह सीट वाले जिला पंचायत में एससी वर्ग से भाजपा के सरस्वती बंजारे और कांग्रेस से ऊषा सोनवानी उम्मीदवार थी।

कांग्रेस को नहीं मिला अपनों का साथ

बारह सीट में से कांग्रेस को पांच सीट और भाजपा को छह सीट मिले थे। वहीं एक भाजपा से बागी प्रिया साहू थी। उपाध्यक्ष के लिए कांग्रेस ने देवेन्द्र चंद्रवंशी को उतारा था, लेकिन उन्हें सिर्फ चार वोट मिले। अध्यक्ष उम्मीदवार के गायब होने से उनका एक वोट कम हो गया और भाजपा के उम्मीदवार पवन शर्मा सात वोट से जीत गए।

भाजपा ने बनाया दबाव

ऊषा इधर ऊषा सोनवानी का कहना है कि भाजपा के लोगों ने उन पर चुनाव में खड़े नहीं होने पारिवारिक दबाव बना, जिससे वे नहीं पहुंच सकी। उन्होंने बताया वे भाजपा के अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाडा से आशीर्वाद लेने गई थी, जिसके बाद से वे जिला पंचायत नहीं पहुंची।ऊषा सोनवानी उम्मीदवार थी।

थाने में की शिकायत

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष निर्मल कोसरे ने बताया कि उनके सभी सदस्य रात को उनके साथ ही थे। सुबह सीधे जिला पंचायत जाने की बात हुई थी। इस बीच सुबह ऊषा सोनवानी गायब हो गई। उन्होंने बताया कि उनके परिजनों ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई हैं

 

 

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