Varicose Veins Disease: किन वजहों से होती है नसों में सूजन, आहार में ये चीजें शामिल करने से मिलेगा फायदा
Varicose Veins Disease: जब इनमें सूजन आ जाती है तो प्रभावित अंग में दर्द, अंग में सूजन व खुजली हो सकती है।

Varicose Veins Disease: कभी शरीर के किसी भी भाग की शिराओं में सूजन आ जाती है। इन्हें वेरीकोज वेन कहा जाता है। वे वेरिकोज वेन यानी फूली हुई शिराएं शरीर की त्वचा पर नीले रंग के जाल के रूप में प्रकट होती हैं। कई बार ये शिराएं फूट जाती हैं जिनसे खून रिसना बंद नहीं हो पाता है। वेरिकोज वेन्स शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं, पर प्रायः पैरों को प्रभावित करती हैं। आसपास की पतली लाल शिराएं भी दिखने लगती हैं। इस समस्या को सतही वेरिकोज वेन की समस्या कहा जाता है। ये दिखने में भद्दी होती हैं पर इनसे कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं पैदा होती। जब इनमें सूजन आ जाती है तो प्रभावित अंग में दर्द, अंग में सूजन व खुजली हो सकती है। इनसे टांगों में दर्द के अलावा थक्के बन सकते हैं। यह गंभीर समस्या है। जब अंग की चमड़ी उतरने लगे, लगातार दर्द हो तो चमड़ी में अल्सर हो तो समस्या गंभीर है।
शिराओं में जमा हो जाता है खून
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ऐसा समझा जाता है कि रक्त चाप का बढ़ना शिराओं को फैला देता है और रक्त को हृदय की ओर ले जाने वाले वाल्व अक्षम हो जाते हैं। ऐसे में रक्त शिरा में जमा होता रहता है और शिराओं के फूलने के साथ-साथ वे आड़ी-टेढ़ी भी हो जाती हैं। रक्त को वापस फेंकने का काम मांसपेशियां करती हैं व सतह की शिराओं को मांसपेशियों की
मदद कम मिलती हैं। आमतौर पर शिकायत सतह पर होती है। आलस, मोटापा, ट्यूमर,कब्जियत कुछ कारण हैं इस शिकायत के।
कैसे होता है उपचार
वेरिकोज वेन का बढ़ना रोकने के लिए हाइड्रोथेरेपी करें। पैरों को 15 मिनट तक पहले 1-2 मिनट गर्म पानी के तसले में, फिर आधे मिनट के लिए ठंडे पानी में रख लें। इसके लिए टेरी टॉवेल को भिगोकर नियमित अवधि
के लिए प्रभावित अंग पर लगाएं।
भोजन में करें बदलाव
खान-पान में परिवर्तन तथा सक्रिय जीवन शैली व नियमित व्यायाम इलाज के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन सी का सेवन लाभदायक है। इसविटामिन के साथ ही संतरे व खट्टे फलों में मौजूद बायो फ्लेवोनाइड्स भी अच्छे होते हैं। छिलके वाली मूंग की दाल, देशी चना, सोयाबीन की दाल, फलों में सेव, अनार व सब्जी में पालक, गाजर, आंवला, लहसुन एवं ताजे मीठे दही व शहद का प्रयोग लाभकारी है।
इन सावधानियों का रखें ध्यान
रोगियों को किसी समय टांगों के नीचे कुछ मिनटों के लिए सिरहाना (तकिया) रखकर लेटना चाहिए ताकि टांगों की तरफ से खून सुगमतापूर्ण हृदय की ओर जा सके। ऐसे रोगियों को एक ही आसन में लगातार नहीं बैठना चाहिए। ऊंची एड़ी वाले जूते तथा नायलॉन के मोजे नहीं पहनना चाहिए। ऐसे रोगियों को चाय,काफी, सफेद चीनी, डिब्बे बंद खाद्य पदार्थ, मसालेदार भोजन ,तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए।







