छत्तीसगढ़ राजभवन में एक भारत श्रेष्ठ भारत का भव्य आयोजन

रायपुर : छत्तीसगढ़ राजभवन के छत्तीसगढ़ मंडपम हॉल में आज 6 राज्य लक्षद्वीप, पुडुचेरी, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तराखंड और दिल्ली के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत, विकसित भारत 2047, तथा स्वच्छ भारत–स्वस्थ भारत की परिकल्पना को समर्पित रहा।

समारोह में उत्तर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक श्री पुरंदर मिश्रा अपनी धर्मपत्नी के साथ शामिल हुए। माननीय राज्यपाल महोदय की उपस्थिति में आयोजित इस राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम की प्रथम नागरिक महापौर श्रीमती मीनल चौबे जी, राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी तथा प्रदेश के सम्मानित नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

छह राज्यों की संस्कृति एक मंच पर – विविधता का अनूठा प्रदर्शन

कार्यक्रम में सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने प्रदेश की विशिष्ट पहचान, सांस्कृतिक परंपराएँ, लोकनृत्य, लोकगीत और साहित्यिक विरासत का आकर्षक प्रस्तुतिकरण किया।लक्षद्वीप के दल ने समुद्री संस्कृति, पारंपरिक नृत्य और तटीय जीवन की झलक प्रस्तुत की।पुडुचेरी ने फ्रेंच-भारतीय सभ्यता, तटीय कला और हस्तशिल्प की अनूठी विरासत सभी के सामने रखी।तमिलनाडु की टीम ने भरतनाट्यम, द्रविड़ संस्कृति और शास्त्रीय संगीत की भव्य प्रस्तुति दी।कर्नाटक के कलाकारों ने यक्षगान और दोल्लू कुनिथा जैसे पारंपरिक नृत्यों से सभागार को ऊर्जावान बना दिया।उत्तराखंड की प्रस्तुति में हिमालयी संस्कृति, लोकगीत और परंपराओं की सुंदर छटा देखने मिली।दिल्ली ने अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सूफियाना पहचान को खूबसूरत अंदाज़ में प्रस्तुत किया।

विधायक पुरंदर मिश्रा ने कार्यक्रम की सराहना की

समारोह में उपस्थित विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि—
“एक भारत श्रेष्ठ भारत का उद्देश्य देश की विविध संस्कृतियों को एक मंच पर लाकर एकता और सौहार्द की भावना को मजबूत करना है। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक शक्ति और सामूहिक विकास के संकल्प को नई दिशा देता है।”

उन्होंने सभी राज्यों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि – यह आयोजन राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक गौरव और विकसित भारत की दिशा में सामूहिक संकल्प का शानदार प्रतीक बनकर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। राजभवन में हुआ यह भव्य समारोह भारत की विविधताओं को एक सूत्र में बाँधने वाली अद्वितीय सांस्कृतिक भावना को और अधिक मजबूत करता है। कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समृद्धि और विकसित भारत की परिकल्पना का बेहतरीन उदाहरण बनकर सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

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