ग्रामीणों की मेहनत और मनरेगा की मदद से ग्राम भखार की खरपोली तालाब बना जल संसाधन

 

ग्रामीणों की मेहनत और मनरेगा की मदद से ग्राम भखार की खरपोली तालाब बना जल संसाधन

ग्रामीणों की मेहनत और मनरेगा की मदद से ग्राम भखार की खरपोली तालाब बना जल संसाधन

कोरिया ,28 नवम्बर 2025 : जिला कोरिया के विकासखण्ड मुख्यालय बैकुण्ठपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर ग्राम भखार में खरपोली एक पुराना तालाब था। यह तालाब सिर्फ एक जल निकाय नहीं, बल्कि पूरे गांव की जीवन रेखा था। लेकिन समय के साथ, इस तालाब की हालत जर्जर हो गई थी। महात्मा गांधी नरेगा की मदद से ग्रामीणों ने अपने तालाब को एक नया जीवन देते हुए बहुपयोगी जल संसाधन बना लिया है।

अनुपयोगी हो चुका था तालाब

बरसों से गाद और मिट्टी भर जाने के कारण, तालाब ने अपनी गहराई खो दी थी। गांव वालों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन गई थी क्योंकि हर साल गर्मी आते ही तालाब पूरी तरह से सूख जाता, जिससे न तो मवेशियों के लिए पानी बचता और न ही खेतों की सिंचाई के लिए। गांव के लोग लंबे समय से इसकी दशा सुधारने की मांग कर रहे थे।

ग्रामीणों की मेहनत और मनरेगा की मदद से ग्राम भखार की खरपोली तालाब बना जल संसाधन

मनरेगा से स्वीकृति

ग्राम पंचायत की मांग के अनुसार इसे ग्राम सभा के लेबर बजट में शामिल करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में, जिला पंचायत, कोरिया की पहल पर, इस तालाब के गहरीकरण कार्य की स्वीकृति जारी की गई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटीयोजना के तहत, ग्राम पंचायत चारपारा को कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया और खरपोली तालाब गहरीकरण कार्य के लिए 7 लाख 55 हजार की राशि स्वीकृत की गई।खरपोली तालाब में गहरीकरण का कार्य शुरू करना आसान नहीं था। तालाब में बहुत अधिक मात्रा में कमलदण्ड के पौधे उगे हुए थे, जिससे गाद निकालने और खुदाई के दौरान श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच, मेट और रोजगार सहायक ने हार नहीं मानी। उन्होंने गांव में मुनादी कराई, मजदूरों से समन्वय स्थापित किया और हर सप्ताह 100 से अधिक श्रमिकों को काम में लगाया। सामुदायिक प्रयास से यह मुश्किल कार्य धीरे-धीरे पूरा होने लगा

मनरेगा के तहत स्वीकृत खरपोली तालाब के गहरीकरण के सकारात्मक परिणाम सामने आए।  कार्य पूर्ण होने के बाद, खरपोली तालाब में पर्याप्त पानी का भराव संभव हो सका। इस कार्य से सीधे तौर पर 8 परिवार लाभान्वित हुए, जिनमें परिवार प्रमुख श्री कतवारी, संतोष,द्वारिका, विश्वनाथ,कीर्तिदेव और रामप्रसाद,भैयालाल जैसे किसान शामिल थे, जिनके पास कुल 2.70 हेक्टेयर रकबा था।

सिंचाई के लिए जल संसाधन

इस कार्य के पूर्णता के बाद सबसे बड़ा बदलाव सिंचाई के क्षेत्र में आया। आस पास के आधा दर्जन से ज्यादा किसानों को अपने खेतों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होने लगा, जिससे धान की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस अतिरिक्त आय से किसानों के जीवन स्तर में सुधार होने लगा है। इतना ही नहीं, तालाब से निकाली गई मिट्टी का उपयोग सड़क के किनारे तटबंध बनाने और सड़क को मजबूत करने में भी किया गया। खरपोली तालाब का यह पुनरुद्धार कार्य सामूहिक प्रयास और मनरेगा की मदद से ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाने का एक सफल उदाहरण बन गया।

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