जल जीवन मिशन में गड़बड़ी पर हाईकोर्ट सख्त, अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी

रायपुर/ बिलासपुर : जल जीवन मिशन में कथित अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि मिशन के लिए केंद्र की 50 प्रतिशत राशि अभी जारी नहीं हुई है.

इस पर हाई कोर्ट ने चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई तय की है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी और कोई भी जवाबदेही से बचने का प्रयास स्वीकार नहीं होगा.

हाई कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञानः

बिलासपुर जिले में योजना की गड़बड़ियों को लेकर समाचार प्रकाशित होने के बाद हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में बदल दिया. अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताए कि योजना कब शुरू हुई और इसकी अंतिम तिथि क्या है.

33 गांवों में पेयजल की किल्लत

पहली सुनवाई में यह तथ्य सामने आया था कि 33 गांवों में जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही. गड़बड़ी के कारण हजारों ग्रामीण परेशान हैं, यहां तक कि कई स्कूलों में भी पेयजल की सुविधा नहीं है. योजना के तहत राज्य और केंद्र सरकार दोनों की 50-50 प्रतिशत भागीदारी है.

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