रायपुर में शुरु होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली: विष्णुदेव साय, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीएम ने किया ऐलान

रायपुर :  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जल्द ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय समारोह में इसकी घोषणा की।पुलिस ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में सीएम साय ने तिरंगा फहराया और अपने संबोधन में कहा कि इस प्रणाली से पुलिस व्यवस्था और अधिक सशक्त होगी तथा कानून-व्यवस्था को नया ढांचा मिलेगा।

सीएम साय ने बताया कि रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने से एसपी की जगह पुलिस कमिश्नर मुख्य होंगे, जो आमतौर पर एडीजी या आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी होंगे। शहर को जोनों में बांटा जाएगा, जिसमें जॉइंट कमिश्नर (जेसीपी), एसपी, डीसीपी और थानेदार एसएचओ कहलाएंगे।

इस बदलाव से पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर मिलेगी, जिससे अपराधों पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी। यह प्रणाली मुख्य रूप से 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैली हुई है। बता दें कि, 2023 में रायपुर और बिलासपुर के लिए प्रस्ताव था, लेकिन अब केवल रायपुर को इसमें शामिल किया गया है।

 क्या है पुलिस कमिश्नर प्रणाली

पुलिस कमिश्नर प्रणाली एक शहरी पुलिसिंग मॉडल है, जिसमें पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्राप्त होती हैं। यह प्रणाली ब्रिटिश काल से चली आ रही है और मुख्य रूप से बड़े शहरों में लागू की जाती है, जहां जनसंख्या घनत्व अधिक होता है।

पारंपरिक जिला पुलिस प्रणाली में डीएम या एसपी के अधीन पुलिस काम करती है, लेकिन कमिश्नरेट में पुलिस प्रमुख को स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति मिलती है। इससे प्रतिक्रिया समय कम होता है, जवाबदेही स्पष्ट होती है और शहरी अपराधों से निपटना आसान हो जाता है।

फायदे क्या होंगे

1- त्वरित कार्रवाई:- पुलिस को बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के कई मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा।
2- बेहतर कानून-व्यवस्था:- शहर की जटिल समस्याओं जैसे ट्रैफिक, साइबर क्राइम और संगठित अपराध पर मजबूत नियंत्रण।
3- सशक्त पुलिस ढांचा:- रायपुर जैसे तेजी से बढ़ते शहर में यह प्रणाली विकास के अनुरूप होगी।

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