महासमुंद जिले की शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शालाएं युक्तियुक्तकरण से हुई समाप्त

रायपुर, 12 जून 2025  : राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए चलाए गए युक्तियुक्तकरण अभियान ने ठोस परिणाम आने शुरू हो गए हैं। इस प्रक्रिया के तहत विशेष रूप से उन शालाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहां या तो शिक्षक बिल्कुल नहीं थे या केवल एक शिक्षक के भरोसे पूरी व्यवस्था संचालित हो रही थी। अब इन सभी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित कर दी गई है, जिससे नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था प्रारंभ हो जाएगी।

महासमुंद जिले में युक्तियुक्तकरण से पहले  कुल 287 प्राथमिक शालाएं ऐसी थीं जो या तो शिक्षक विहीन थीं या केवल एक शिक्षक के सहारे चल रही थीं। इनके अलावा एक पूर्व माध्यमिक शाला और तीन हाई स्कूलों में भी शिक्षकों की भारी कमी थी। शिक्षा विभाग की सक्रियता और समुचित योजना के क्रियान्वयन के तहत अब जिले में ऐसी कोई शाला नहीं बची है, जहां शिक्षक उपलब्ध न हों। महासमुंद जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि, शिक्षा विभाग ने प्राथमिकता के आधार पर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूर्ण किया है। अब जिले की कोई भी शाला शिक्षक विहीन नहीं है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में अब करेई अवरोध न हो और शैक्षणिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल ने प्रदेश में सुशासन के तहत शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है। वर्षों से शिक्षक संकट से जूझ रहे विद्यालयों में अब नवपदस्थ शिक्षकों की उपस्थिति से विद्यार्थियों, अभिभावकों, ग्रामीणजनों और विद्यालय प्रबंधन समितियों में उत्साह और संतोष का वातावरण बना है।

ज्ञात हो कि कलेक्टर  विनय कुमार लंगेह की मौजूदगी में 01 और 02 जून को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न की गई थी। सभी शिक्षकों को पदस्थापना आदेश प्रदान किए गए थे। शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अब तक कुल 629 शिक्षकों ने विभिन्न शालाओं में पदभार ग्रहण किया है, जिनमें सहायक शिक्षक के 399, प्रधान पाठक प्राथमिक शाला के 12, सहायक शिक्षक विज्ञान के 08, शिक्षक के 127, प्रधान पाठक मिडिल स्कूल 01, व्याख्याता के 82 पद शामिल हैं।

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