छत्तीसगढ़ : आगजनी मामले में जमानत मिलने के बाद कांग्रेस विधायक जेल से रिहा

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव को बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार शाम जेल से रिहा कर दिया गया।
जेल से निकलने के बाद समर्थकों की भारी भीड़ से घिरे यादव उनकी मदद से एक एसयूवी पर चढ़े और फिर उन्हें संबोधित किया। यादव ने कहा कि यह जेल में बिताए छह महीने नहीं बल्कि तपस्या है।
देवेंद्र यादव ने कहा, ”जब आप मुझे इतना प्यार, आशीर्वाद और मनोबल देते हैं, तो क्या आपको लगता है कि जेल के ताले मुझे कोई दर्द दे सकते हैं? आपके प्यार और आशीर्वाद, भिलाई की जनता का प्यार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के आशीर्वाद से मैंने छह महीने जेल में नहीं काटे, बल्कि मैंने तपस्या की है। यह तपस्या छत्तीसगढ़ के हर उस युवा के लिए थी, जो खुलकर बोलना चाहता है और हमारे संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करता है। मैंने क्या किया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हुए, मैंने वही कहा जो मुझे सही लगा। मैंने कहा कि सतनामी समाज के युवाओं को बरगलाया जा रहा है। बहुत सारे लोग (सतनामी समाज के) हैं, जिन्हें बिना किसी कारण (आगजनी की घटना के बाद) सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। उन्हें लगा कि मुझे जेल में डालने से मेरा मनोबल कम हो जाएगा। लेकिन आप सब देख सकते हैं। मनोबल और भी मजबूत हो गया है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बृहस्पतिवार को यादव की जमानत को सत्य की जीत और सरकार की साजिश की हार बताया था।
बघेल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ” उच्चतम न्यायालय ने आज सरकारी षड्यंत्र में जेल में बंद भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को जमानत दे दी है, यह सत्य की जीत है। यह सरकारी षड्यंत्र की हार है। आने वाले समय में यह साबित हो जाएगा कि सरकार ने उन्हें गलत तरीके से महीनों जेल में रखा।’
कांग्रेस पार्टी का प्रभावशाली युवा चेहरा यादव भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार के विधायक हैं। पिछले वर्ष 17 अगस्त को यादव को दुर्ग जिले में उनके आवास से भारतीय दंड संहिता की धाराओं तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पिछले वर्ष 15 और 16 मई की रात को अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में अमर गुफा के पास सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘विजय स्तंभ’ को तोड़ दिया था।
इसके विरोध में 10 जून को, बलौदाबाजार शहर में सतनामी समाज के लोगों ने ‘जैतखाम’ की कथित तोड़फोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान भीड़ ने एक सरकारी कार्यालय भवन और 150 से ज़्यादा वाहनों में आग लगा दी, जिसके कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई।
विरोध प्रदर्शन से पहले दशहरा मैदान में सतनामी समाज द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान यादव समेत कांग्रेस के कई नेता कथित तौर पर एक सार्वजनिक सभा में शामिल हुए थे।
दस जून की आगजनी की घटना के मामले में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भीम ‘रेजिमेंट’ के सदस्यों समेत करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोग हैं तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है।







